Always for You!
Posted On Friday, May 30, 2008 at at 9:27 PM by Pat*-* Always For You *-*
वो जो हम में तà¥à¤® में क़रार था तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
वही यानी वादा निबाह का तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
वो नये गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें
वो हर à¤à¤• बात पे रूठना तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
कोई बात à¤à¤¸à¥€ अगर हà¥à¤ˆ जो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ जी को बà¥à¤°à¥€ लगी
तो बयाठसे पहले ही à¤à¥‚लना तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
सà¥à¤¨à¥‹ ज़िकà¥à¤° है कई साल का, कोई वादा मà¥à¤ से था आप का
वो निबाहने का तो ज़िकà¥à¤° कà¥à¤¯à¤¾, तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
कà¤à¥€ हम में तà¥à¤® में à¤à¥€ चाह थी, कà¤à¥€ हम से तà¥à¤® से à¤à¥€ राह थी
कà¤à¥€ हम à¤à¥€ तà¥à¤® à¤à¥€ थे आशà¥à¤¨à¤¾, तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
हà¥à¤ इतà¥à¤¤à¥‡à¤«à¤¼à¤¾à¤•à¤¼ से गर बहम, वो वफ़ा जताने को दम-ब-दम
गिला-à¤-मलामत-à¤-अरà¥à¤•à¤¼à¤¬à¤¾, तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
वो जो लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼ मà¥à¤ पे थे बेशà¥à¤¤à¤°, वो करम के हाथ मेरे हाथ पर
मà¥à¤à¥‡ सब हैं याद ज़रा ज़रा, तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद नो कि न याद हो
कà¤à¥€ बैठे सब हैं जो रू-ब-रू तो इशारतों ही से गà¥à¤«à¤¼à¥à¤¤à¤—ू
वो बयान शौक़ का बरमला तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो कि न याद हो
वो बिगड़ना वसà¥à¤² की रात का, वो न मानना किसी बात का
वो नहीइं नहीं की हर आन अदा, तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो कि न याद हो
जिसे आप गिनà¥à¤¤à¥‡ थे आशà¥à¤¨à¤¾ जिसे आप कहते थे बेवफा
मैं वही हूठ"मोमिन"-à¤-मà¥à¤¬à¥à¤¤à¤²à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद हो के न याद हो
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